सौरई फैक्ट्री के विरुद्ध लामबंद हुए रहवासी ,नारेवाजी एवं प्रदर्शन करते हुए एसडीएम बण्डा को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपा
सौरई फैक्ट्री बंद नहीं होने पर संविधानिक तरीके से करेंगे विरोध प्रदर्शन
बण्डा। बुधवार को सौरई फैक्ट्री के विरोध में बण्डा विधानसभा क्षेत्र के रहवासी बडी संख्या में कृषि उपज मंडी प्रांगण में एकात्रित हुए , उसके बाद नगर में रैली निकालकर सौरई फैक्ट्री एवं फैक्ट्री के प्रदूषण के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए पैदल रैली के रुप में सौरई फैक्ट्री हटाओ आंदोलन समिति के संयोजक भूपेन्द्र सिंह लम्बरदार के साथ तहसील कार्यालय पहुंचे , जहाँ पर बण्डा एसडीएम की अनुपस्थिति में तहसीलदार ज्ञानचंद राय को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपा , ज्ञापन में उल्लेख है कि ग्राम सौरई तहसील बण्डा जिला सागर मे संचालित समस्त औद्योगिक इकाई के प्रदूषण के कारण मानव जीवन , पर्यावरण, वायु, जल, खेती, चराचर जीव प्राणी, वनस्पतियो के जीवन व खेती फसल पर अत्यधिक दुष्प्रभाव पड़़ रहा है जिसका मुख्य कारण ग्राम सोरई तहसील बण्डा जिला सागर मे संचालित समस्त औद्योगिक इकाई है जिस कारण इस समस्या से सर्वाधिक प्रभावित ग्राम सोरई, डिलाखेड़ी, फतेहपुर, मोनपुर, कंदारी, पनारी, काटी, सलैया, हनोता पटकोई, छापरी, झागरी, पिपरिया चैदा, बमूरा, परासिया, रीछईसागर, चैका, बिजरी, जगथर, बिचपुरी, गड़र, आलमपुर, गनयारी, मुड़िया, चीलपहाड़ी सहित संपूर्ण नगर परिषद बण्डा प्रभावित है
औद्योगिक इकाई के द्वारा सल्फयूरिक अम्ल सहित अन्य हानि कारक अम्लो का निर्माण होने से उक्त निर्माण से जो गैस वायु मे छोड़ी जा रही है उक्त गैस के वायु मे मिलने के कारण मानव जीवन व अन्य जन जीवन के संपर्क मे आने पर तीक्ष्ण बदबू आती है व आँखो मे जलन शुरू हो जाती है जब वायु श्वास के जरिए हमारे फेफड़ो मे जाती है तो फेफड़ो मे जलन के साथ उल्टी का मन होने लगता है परेशानी लगातार हो रही है जिसका कारण ग्राम सोरई तहसील बण्डा जिला सागर मे संचालित औद्योगिक इकाई है इस कारण उक्त इकाई को तत्काल बंद किया जाना आवश्यक है ताकि रहवासी ग्राम व नगर वासियो का जीवन बचा रहे । औद्योगिक इकाई मे निर्माण हो रहे खाद निर्माण से उत्पन्न रासायनिक अवशिष्टो को लगातार कई वर्ष से पास मे बह रहे नाले मे छोड़ा जा रहा है जिस कारण से उक्त रासायनिक अवशिष्टो के प्रदूषण से औद्योगिक इकाई से लगे ग्राम डिलाखेड़ी,सोरई के जल स्त्रोत कुआ,पानी के बोर पर विपरीत प्रभाव पड़ा है, भूमि गत संपूर्ण जल प्रदूषित हो गया है जिस कारण से प्रदूषित भूमिगत जल का सेवन करने के लिए ग्रामीण मजबूर है इस कारण इकाई को तत्काल बंद किया जाना आवश्यक है ताकि रहवासी ग्राम व नगर वासियो का जीवन बचा रहे । रासायनिक अपशिष्ट कई वर्षो से पास मे बह रहे नाले मे छोड़ा जा रहा है जो कि वर्षा काल मे 6 माह तक लगातार स्थानीय बेबस नदी मे पहुंचता है बेबस नदी का पानी बण्डा नगर कीे पेय जल योजना सहित जल निगम द्वारा संचालित जल जीवन मिशन के तहत लगभग 300 ग्रामो का पेय जल स्त्रोत है। इस प्रकार धीरे-धीरे औद्योगिक इकाई मे उत्पन्न रासायनिक अवशिष्टो की मात्रा पेय जल के जरिए मानव शरीर मे पहुंच रही है रासायनिक अवशिष्टो का बुरा परिणाम मानव जीवन पर दिख रहा है। खतरनाक मानव जीवन को पल मे समाप्त करने बाली गैसों, सल्फर अमोनिया का संग्रह किया गया है, जिनके संगृह हेतु स्वीकृत मात्रा के परिपेक्ष्य मे किये गये संगृह की वैद्यता जांच का विषय है।
जल निगम ने दिया फैक्ट्री को कनेक्शन
सौरई में स्थित औद्योगिक इकाई को म0प्र0 जल निगम द्वारा जल जीवन मिषन की लाइन से कनेक्शन दिया गया है इस कनेक्शन द्वारा प्रदाय शुद्व पेयजल का औद्योगिक इकाई द्वारा वेजा उपयोग कर भारी मात्रा मे पानी का व्यसायिक उपयोग किया जा रहा है। एवं शुद्व पेयजल से सैकडो टन रसायन बनाने का अवैध कार्य किया जा रहा है।
किसानों की कृषि भूमि एवं जीव जंतु वृक्ष हो रहे नष्ट
औद्योगिक इकाई मे निर्माण से उत्पन्न रासायनिक अवशिष्टो के कारण आस-पास के सेकड़ो किसानो कि कृषि भूमि प्रभावित हुई है कृषि भूमि कि फसल उत्पादन क्षमता लगातार घट रही है इसी प्रकार जब कृषि भूमि पर फसल बोई जाती है तो फसल के दौरान कभी भी हवा के बहाव के कारण उक्त औद्योगिक इकाई मे निर्माण से उत्पन्न रासायनिक अवशिष्टो से चिमिनियो के गैस के संपर्क मे आने से मात्र 24 घंटे मे ही पूरी फसल नष्ट हो जाती है कुछ समय मे ही कई किसानो की़ कृषि भूमि मे लगी फसल नष्ट हो चुकी है इसी प्रकार आस-पास के ग्रामो के पक्षी जैसे चिड़िया ,कौआ ,गिलेहरी, तितली आदि जीव सहित सैकड़ो आम वृक्ष,मउवा वृक्ष सहित कई प्रजातियो के फलदार वृक्ष, छायादार वृक्ष सहित अनेको सागोन वृक्ष नष्ट हो गए है जिसकी जांच कर उक्त इकाई को तत्काल बंद किया जाना आवश्यक है।
फैक्ट्री के प्रदूषण के कारण रहवासी हो रहे गंभीर रोग उत्पन्न
औद्योगिक इकाई मे निर्माण से उत्पन्न रासायनिक उत्पादन के कारण अनेक मजदूर कई रोगो से पीेड़ित है इसी प्रकार आस-पास के अनेकों रहवासीयो मे गंभीर रोग व स्वास्थ समस्यायें उतपन्न हो रही है। उक्त औद्योगिक इकाई द्वारा न तो आज तक प्रभावित क्षेत्र मे कोई स्वास्थ्य परीक्षण शिविर लगाया गया है न ही उनकी ओर से चिकित्सा का कोई प्रबंध किया गया है। यहां तक कि औद्योगिक इकाई के आसपास आवष्यक वृक्षारोपण तक नही किया गया है। रहवासियों ने भारतीय संविधान द्वारा नागरिको को स्वस्थ एवं प्रसन्न जीवन जीने का मूल अधिकार प्राप्त है उसकी रक्षा करना शासन एवं प्रशासन का दायित्व है इस कारण अपने जीवन के मूल अधिकार की रक्षा के लिए प्रभावित एवं रहवासी ज्ञापन दिया और 15 दिवस में सौरई फैक्ट्री की जांच कर बंद करने की मांग की। उक्त कार्रवाई नहीं होने पर प्रशासन बस सरकार के विरुद्ध संविधानिक तरीके से आंदोलन व प्रदर्शन करने की चेतावनी प्रशासन को दी है।
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